सुबह शाम उठते बैठते वायरस का ज़िक्र करके, उसे अपने दिमाग़ में बिठाकर अपनी मौजूदा ज़िन्दगी का सुकून तबाह ना करे.
वायरस के अलावा अब भी इस दुनिया में बुहत कुछ है. एक ही बात को अपने दिमाग़ में बिठाकर नफ्सियाती मरीज़ ना बने.
याद रखें मौत अपने वक़्त से पहले नहीं आएगी.