मधुर व्यवहार और मीठा बोलना एक कला है
मधुर व्यवहार और मीठा बोलना एक कला है जो हरेक के पास नहीं होता..
बोलने की कला श्रीराम से सीखो।
जहां रावण ने कड़क जबान से अपने सगे भाई विभीषण को खो दिया,
वहीं श्रीराम ने मीठी जुबान से दुश्मन के भाई को भी अपना बना लिया।
चेहरे की खूबसूरती की भूमिका 10 प्रतिशत होती है,
पर वाणी की खूबसूरती की भूमिका 90 प्रतिशत।
शब्दों को संभालकर बोलें।
शब्दों में बड़ी जान होती है।