व्यवहार घर का कलश और
इंसानियत घर की तिजोरी कहलाती है
मधुर वाणी घर की धन दौलत और शांति घर की लक्ष्मी कहलाती है
पैसा घर का मेहमान और
एकता घर की ममता कहलाती है
व्यवस्था घर की शोभा और
समाधान ही घर का सच्चा सुख कहलाता है🌹
रेगिस्तान भी हरे हो जाते है
जब “अपने” साथ “अपने” खड़े हो जाते है