त्यौहार पर दशहराकविताएँ
जिसने किया था सीता का हरण
राम ने मारा था वो रावण
हर साल मर के लेता नया जनम
अब का है ये कैसा रावणकागज़ के पुतले तो प्रतीक है
हम सब में छिपा बैठा है एक रावण
कागज के पुतले को दहन कर
क्या मार लिया अपने अंदर का रावण ?
राम ने मारा था वो रावण
हर साल मर के लेता नया जनम
अब का है ये कैसा रावणकागज़ के पुतले तो प्रतीक है
हम सब में छिपा बैठा है एक रावण
कागज के पुतले को दहन कर
क्या मार लिया अपने अंदर का रावण ?
बुराई पर अच्छाई की जीत का
त्यौहार है यह दशहरा
पर बुराई मिटने के बजाय
हो रहा और हरा भरा
बुराई तो तब हारेगी
जब हम अपने अंदर के रावण को मारे
आओ हम सब मिलकर बुराई ना करने
और बुराई का ना साथ देने का कसम खा ले
Lovely just what I was looking for.Thanks to the author for taking his clock time on this one.