जब भी करो बात, मुस्कुराया करो..!
जब भी करो बात, मुस्कुराया करो..!
जैसे भी रहो, खिलखिलाया करो…!
जो भी हो दर्द, सह जाया करो..!
ज्यादा हो दर्द तो अपनों से कह जाया करो..!
जीवन एक नदी है, तैरते जाया करो..!
ऊँच नीच होगी राह में, बढ़ते जाया करो..!
अपनापन यहाँ महसूस हो तो, चले आया करो..!
बहुत सुंदर है यह संसार, सुंदर और बनाया करो..!
इसलिए, जब भी करो बात,