अपने शब्दों में ताकत डालें आवाज में नहीं
बडो से बात करने का
तरीका आपकी
“तमीज” बताता है .
और छोटों से बात
करने का तरीका
आपकी “परवरिश “.
अपने शब्दों में ताकत
डालें आवाज में नहीं
क्यो कि बारिश से फूल
उगते हैं, बाढ़ से नहीं…
मै हर बार परखता हूँ कि
“भगवान” है कि नही ?
पर उसने एक बार भी सबूत नही मांगा कि मैं “इंसान” हूँ या नही ?
पाप नि:संदेह बुरा है..!!
लेकिन..,
उससे भी बुरा है पुण्य का अहंकार….!!!
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