Hindi PoemInspirational QuotesMoral StoriesPoems Raju January 4, 2017March 16, 2017 0 Comments Nirankari Poems in Hindi, Poem of Haribansh Ray Bacchan in Hindi, घर की ज़रूरतों ने ❝ मुसाफ़िर ❞ बना डाला !!! ❝ सोचा ❞ था ❝ घर ❞ बना कर बैठुंगा सुकून से.. पर घर की ज़रूरतों ने ❝ मुसाफ़िर ❞ बना डाला ! – हरिवंशराय बच्चन ❝ खवाहिश ❞ नही मुझे ❝ मशहुर ❞ होने की आप मुझे ❝ पहचानते ❞ हो बस इतना ही काफी Read More