कुछ बोलने और तोड़ने में* *केवल एक पल लगता है
कुछ बोलने और तोड़ने में* *केवल एक पल लगता है* *जबकि बनाने और मनाने में* *पूरा जीवन लग जाता है।*
Read Moreकुछ बोलने और तोड़ने में* *केवल एक पल लगता है* *जबकि बनाने और मनाने में* *पूरा जीवन लग जाता है।*
Read Moreमैं नाचीज़ हूँ बन्दा तेरा, तू सबका दाता है । तेरे हाथ में सारी दुनिया, मेरे हाथ में क्या है
Read Moreकट जायेगा वक़्त परेशानी की क्या बात है। सतगुरु की मेहर के आगे… ग़मों की क्या औक़ात है।। Dhan Nirankar
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