संसार में केवल मनुष्य ही
ऐसा एकमात्र प्राणी है,
जिसे ईश्वर ने हंसने का गुण दिया है,
इसे खोईए मत।”
“बिखरने दो होंठों पे,
हंसी के फुहारों को,
प्यार से बात कर लेने से जायदाद कम नहीं होती है।”
इन्सान तो हर घर में पैदा होते हैं,
बस इंसानियत कहीं-कहीं जन्म लेती ।