Nirankari Stories

Atma and Partma – एक बार एक आदमी मर गया।

एक बार एक आदमी मर गया।

जब उसे इसका एहसास हुआ तो उसने देखा कि परमात्मा हाथ में एक सूटकेस लिए उसकी तरफ आ रहें हैं।

परमात्मा और उस मृत व्यक्ति के बीच वार्तालाप
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परमात्मा:
“चलो बच्चे, वापिस जाने का समय हो चुका है।”

मृत व्यक्ति:
“इतनी जल्दी? मेरी तो अभी बहुत सारी योजनाएं बाकी थी।”

परमात्मा:
“मुझे अफ़सोस है लेकिन अब वापिस जाने का समय हो चुका है।”

मृतव्यक्ति:
“आपके पास उस सूटकेस में क्या है?”

परमात्मा:
“बच्चे, उसमें तुम्हारा सामान।”

मृतव्यक्ति:
“मेरा सामान ?
आपका मतलब मेरी वस्तुएँ….मेरे कपड़े….मेरा धन..?”

परमात्मा:
“वो चीजें कभी भी तुम्हारी नहीं थी बल्कि इस पृथ्वी लोक की थी।”

मृतव्यक्ति:
“तो क्या इसमें मेरी यादें हैं?”

परमात्मा:
“नहीं ! उनका सम्बन्ध तो समय से था।”

मृतव्यक्ति:
“क्या इसमें मेरी योग्यताएं हैं?”

परमात्मा:
“नहीं ! उनका सम्बन्ध तो परिस्थितियों से था।”

मृतव्यक्ति:
“तब क्या मेरे दोस्त और मेरा परिवार ?”

परमात्मा:
“नहीं मेरे प्यारे बच्चे ! उनका सम्बन्ध तो उस रास्ते से था जिस पर तुमने अपनी यात्रा की थी।”

मृतव्यक्ति:
“तो क्या ये मेरे बच्चे और पत्नी हैं?”

परमात्मा:
“नहीं! उनका सम्बन्ध तो तुम्हारे मन से था।”

मृत व्यक्ति:
“तब तो ये मेरा शरीर होना चाहिए?”

परमात्मा:
“नहीं नहीं ! उसका सम्बन्ध तो पृथ्वी की धूल मिटटी से था।”

मृतव्यक्ति:
“तब जरूर ये मेरी आत्मा होनी चाहिए।”

परमात्मा:
“तुम फिर गलत समझ रहे हो मेरे बच्चे !
तुम्हारी आत्मा का सम्बन्ध सिर्फ मुझसे है।”

उस मृतव्यक्ति ने आँखों में आंसू भरकर परमात्मा के हाथों से सूटकेस लिया और उसे डरते डरते खोला..
💜💙
खाली…..

अत्यंत निराश………
दुखी होने के कारण आंसू उसके गालो पर लुढकते हुए बहने लगे।

उसने परमात्मा से पूछा:
“क्या कभी मेरी अपनी कोई चीज थी ही नहीं ?”

परमात्मा: “बिलकुल ठीक बच्चे!
तुम्हारी अपनी कोई चीज नहीं थी।”

मृतव्यक्ति:
“तब…मेरा अपना था क्या?”

परमात्मा:
“तुम्हारे पल…….
प्रत्येक लम्हा.. प्रत्येक क्षण जो तुमने जिया वो तुम्हारा था।”

इसलिए हर पल अच्छा काम करो अच्छा कर्म करो।

हर क्षण अच्छा सोचो।

हर लम्हा इस निरंकार का शुक्रिया अदा करो।

जीवन सिर्फ एक पल है …

इसे जियो….
इसे प्रेम करो…

इसका ही आनंद लो।

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