Nirankari Shayari

रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हों जायें, लेकिन उन्हें तोड़ना मत।

आजकल रिश्ते बिलकुल रोटी की तरह हो गए हैं।
जरा-सी आंच क्या तेज हुई जलकर खाक हो गए।

रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हों जायें, लेकिन उन्हें तोड़ना मत।
क्योकि,
पानी चाहे कितना भी गंदा हो जाये।
प्यास नही बुझा सकता पर आग तो बुझा सकता है न।

Dhan Nirankar Ji

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