Nirankari Shayari

रिश्ते”*ताकत से नहीं, *दिल से* निभाये जाते हैं…!

*कभी कभी*..,
*”मजबूत हाथों”* से पकड़ी हुई,
*”उँगलियाँ”* भी छूट जाती हैं…;
क्योकि
*”रिश्ते”*ताकत से नहीं,
*दिल से*
निभाये जाते हैं…!

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