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जहाँ यार याद न आए वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की,
बेशक अपनी मंज़िल तक जाना है ,
पर जहाँ से अपने ना दिखे
वो ऊंचाई किस काम की .
आपका और हमारा हर दिन शुभ हो – प्रतिदिन ,
प्रतिपल प्रभु की कृपा बनी रहे और जीवन सार्थक हो जाये.
ओम सांई राम….