Hindi PoemPoems

Dil Ko rula dene wali Love Kabita

जिसका था इंतजार मुझको वो आया है
नूर चेहरे पे लबों पर तबस्सुम छाया है
भरी महफ़िल में दिल ये तनहा-तनहा था
मेरे दिल का वो चैनों सुकूँ लाया है
जिसका था इंतजार मुझको वो आया है
नूर चेहरे पे लबों पर तबस्सुम छाया है।

कोई कहता है वो फरिश्ता है
पर मेरा उससे अहसासों का एक रिश्ता है
लाखों मुखड़े हैं इस हसीं दुनिया में
पर मुझे उसीका मुखड़ा भाया है
जिसका था इंतजार मुझको वो आया है
नूर चेहरे पे लबों पर तबस्सुम छाया है।

कोई तो बात है जो जुड़ा है वो जज़्बातों से
चुरा के नींदें मेरी जगाता है वो रातों में
असर ऐसा हुआ है कि दुआ कोई न चले
न जाने कैसे मेरे दिल में वो उतर आया है
जिसका था इंतजार मुझको वो आया है
नूर चेहरे पे लबों पर तबस्सुम छाया है।

ख्वाबों में होती हैं अक्सर उससे मुलाकातें
हमने कई मर्तबा की हैं बहुत सी बातें
नजर न मिलती है उनसे जो आज देखा है
कैसे समझाएं उन्हें हमने क्या पाया है
जिसका था इंतजार मुझको वो आया है
नूर चेहरे पे लबों पर तबस्सुम छाया है।

dil-ko-rula-dene-wali-love-poem

One thought on “Dil Ko rula dene wali Love Kabita

  • This post is really informative and provides great insights! This blogpost answered a lot of questions I had. Such a helpful article, thanks for posting! Such a helpful article, thanks for posting! I appreciate the detailed information shared here. Your writing style makes this topic very engaging. The examples provided make it easy to understand. This post is really informative and provides great insights! I enjoyed reading this and learned something new.

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *