यूं तो उलझे है सभी अपनी उलझनों में
सुंदरता हो न हो,
सादगी होनी चाहिए।
खुशबू हो न हो,
महक होनी चाहिए।
रिश्ता हो न हो,
बंदगी होनी चाहिए।
मुलाकात हो न हो,
बात होनी चाहिए।
यूं तो उलझे है सभी अपनी उलझनों में,
पर सुलझाने की कोशिश हमेशा होनी चाहिए।
🙏 धन निरंकार जी 🙏
☺😊😃😊
🍃मुस्कुराओ…..
क्योंकि दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है।”