जीवन मे श्वास और विश्वास की एक समान जरूरत होती हैं
अभिमान तब आता है, जब हमे लगता है हमने कुछ काम किया है,
और सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है, कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है
“सम्बन्ध “वर्षा जैसा नहीं होना चाहिए, जो बरसकर खत्म हो जाय। बल्कि “सम्बन्ध ” हवा की तरह होना चहिये, जो खामोश हो मगर सदैव आस पास हो।
श्रेष्ठ वही है जिसमें. दृढ़ता हो, जिदनहीं. बहादुरी हो, जल्दबाजी नहीं. दया हो, कमजोरी नहीं. ज्ञान हो, अहंकार नहीं करूणा हो, प्रतिशोध नहीं निर्णायकता हो,असमंजस नहीं.
उन लोगों के जीवन में आनंद और शांति कई गुना बढ़ जाती है,
जिन्होंने प्रशंसा और निंदा दोनों में एक जैसा रहना सीख लिया हो।
कमियाँ तो मुझमें भी बहुत है, पर मैं बेईमान नहीं।
मैं सबको अपना मानता हूँ, सोचता हूँ फायदा या नुकसान नहीं।
*एक शौक है शान से जीने का, कोई और मुझमें गुमान नहीं।
*छोड़ दूँ बुरे वक़्त में अपनों का साथ, वैसा तो मैं इंसान नहीं।
*जीवन मे श्वास और विश्वास की एक समान जरूरत होती हैं,
श्वास खत्म तो जिंदगी का अंत और विश्वास खत्म तो सम्बन्धो का अंत…