हर व्यवहार बड़ों का बच्चे ध्यान से देखा करते हैं।
हर व्यवहार बड़ों का बच्चे ध्यान से देखा करते हैं।
वहीं पे होती नज़रें उनकी बड़े जहां पग धरते हैं।
अपने बच्चों को नित अच्छे संस्कार से भरना है।
सम्मुख उनके जो भी करना अच्छा अच्छा करना है।
सत्संग सेवा सुमिरण से ही जोड़ना है बच्चों को।
सदा भलाई के मारग पर मोड़ना है बच्चों को।
कहे ‘हरदेव’ मानवता की बच्चे सब पहचान बनें।
सन्तमति को धारण करके सब अच्छे इन्सान बनें।
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