“दान करने से रुपया जाता है!
“लक्ष्मी” नहीं!…
घड़ी बंद करने से घड़ी बंद होती है!
“समय” नहीं!…
झूठ छुपाने से झूठ छुपता है!
“सच” नहीं !…
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माना दुनियाँ बुरी है ,सब जगह धोखा है,
लेकिन हम तो अच्छे बने ,हमें किसने रोका है !
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रिश्तें ” मौके ” के नहीं ..,
” भरोसे” के मोहताज होते है।” –