तुम प्रेरणा हो मेरी | तुम कल्पना हो मेरी
तुम ख़्वाब हो, तुम गज़ल हो मेरी,
तुम नूर हो, तुम कोहिनूर हो मेरी,
तुम शब्द हो, तुम सुर हो मेरी,
तुम हक़ीक़त हो, तुम कल्पना हो मेरी,
तुम प्रेरणा हो मेरी |
तुम मीरा हो, तुम ही राधा हो मेरी,
तुम पूरी हो, तुम आधी हो मेरी,
तुम प्यार हो, तुम रुसवाई हो मेरी,
तुम कोई अपना हो, तुम सपना हो मेरी,
तुम प्रेरणा हो मेरी |
तुम क़लम हो, तुम स्याही हो मेरी,
तुम इश्क़ हो, तुम दर्द हो मेरी,
तुम राग हो, तुम ख़ुशी हो मेरी,
तुम गज़ल हो, तुम कल्पना हो मेरी,
तुम प्रेरणा हो मेरी |
यूँ कहने को तो रोज़ मुलाकातें होती है हमारी,
मग़र हर शाम जो आये वो कल्पना हो तूम मेरी |
तूम प्रेरणा हो मेरी |
तेरे पास रहूँ तो हक़ीक़त, अकेले मैं ख़्वाब हो मेरी,
तुम गज़लों की कल्पना हो मेरी,
तुम प्रेरणा हो मेरी |
दिवाना नहीं था तुम्हें देखा तो चाहत का ख़्याल आया,
शायर नहीं था तेरी तस्वीर से गज़लों का ख़्याल आया |
तुम कहानी हो, तुम फ़साना हो मेरी,
तुम प्रेरणा हो मेरी ।
छेड़ुँ जो वो सिलसिला हो, तुम ही फ़साना हो मेरी,
तूम प्रेरणा हो मेरी |
तुम प्रेरणा हो मेरी |