किसी की दुआयें कभी भी रद्द नही होती हैं
किसी की दुआयें कभी भी रद्द नही होती हैं
लेकिन बेहतरीन टाईम पर कबूल जरुर होती हैं
इंसान घर बदलता है लिवास बदलता है
रिश्ते बदलता है और दोस्त भी बदलता है
फिर भी परेशान रहता है क्योंकि ”
वो कभी खुद को नहीं बदल पाता है
मिर्ज़ा ग़ालिब ने कहा था कि उम्र भर ग़ालिब
यही भूल करता रहा धूल चेहरे पर थी आइना साफ़ करता रहा